Citizen Verifable System - Voter ID Opinion Internet Proof

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नागरिक प्रमाणिक सिस्टम - वोटर आई.डी. राय इन्टरनेट प्रमाण

नागरिक स्वयं संपर्क करके पता लगा सकते हैं कि सच क्या है

Citizens Verifiable System - Voter ID Opinion Internet Proof

Citizens themselves can contact and verify the truth

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ईमानदार सिस्टम डेमो

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  • इस वेबसाइट का उद्देश्य
  • इस साईट को कोड-एस.एम.एस कैसे भेजें
  • ईमानदार सिस्टम का एक डेमो
  • अपने सांसद का मोबाइल नंबर देखें
  • भेजे एस.एम.एस. / पंजीकरण स्तिथि देखें
  • जनता के एस.एम.एस.-निर्देश देखें
  • पंजीकृत विषय और उनके एस.एम.एस-कोड
  • प्रचलित मुद्दों पर जनता की एस.एम.एस. राय
  • अपने विधानसभा, जिला या राज्य में विषय पर राय की संख्या देखें
  • स्पैम यू.आर.एल.
  • यू.आर.एल राय-संख्या पंजीकृत मोबाइल द्वारा
  • अपंजीकृत मोबाइल से पंजीकृत कोड-एस.एम.एस. देखें
  • अपंजीकृत मोबाइल से एस.एम.एस. की संख्या देखें
  • यू.आर.एल राय-संख्या अपंजीकृत, एक्टिवेट मोबाइल द्वारा
  • `जनसेवक को एस.एम.एस.-निर्देश`-प्रचार-तरीका
  • 3 लाइन कानून और टी.सी.पी. के बारे में
  • विकल्प पार्टी के प्रस्ताव
  • नागरिकों के कर्तव्य और अधिकार
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ईमानदार सिस्टम डेमो

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A. इस साईट का उदेश्य - भारतीय राजपत्र (सरकारी सूचना मेगजीन) में डालने के लिए प्रस्तावित निर्देश के लिए वोटर नंबर समर्थन दर्शाना ताकि वे प्रक्रियाएँ लागू हो जायें

कैसे, जानने के लिए नीचे पढ़ें.....

1. विकल्प पार्टी द्वारा किसी मुद्दे के वोटर नंबर समर्थन को इकठ्ठा करना और इन्टरनेट पर दर्शाना

हमने एक अभियान शुरू किया है जिसमें नागरिक-मतदाता सांसद, विधायक, आदि जनसेवकों को एस.एम.एस. आदि द्वारा निर्देश भेजेंगे | हमने इस प्रयोजन से कुछ जनहित के समाधान-ड्राफ्ट के लिए, साईट पर कोड-एस.एम.एस. भी पंजीकृत किये हैं | नागरिक ये एस.एम.एस.-कोड साईट को भेजेंगे और उससे बना डाटा जनसेवक से मांग की समर्थन संख्या का जांचा जा सकने वाला प्रमाण होगा |

साईट पर पंजीकृत मुद्दों पर नागरिकों का समर्थन या विरोध वेबसाईट पर नागरिकों के वोटर आई.डी. नंबर के साथ दिखाया जायेगा | वोटर आई.डी. नंबर के डाटा से कोई भी नागरिक वोटर आई.डी नंबर का एक सैम्पल लेकर, उनका एड्रेस निकाल कर, उन व्यक्तियों को स्वयं संपर्क करके पता लगा सकता है कि राय वाला डाटा सही है या गलत | मतलब ये वोटर आई.डी. इन्टरनेट डाटा जो नागरिकों के एस.एम.एस भेजने से बनेगा, वो नागरिक-प्रमाणिक होगा | (रजिस्टर किये हुए एस.एम.एस-कोड के लिए ये लिंक देखिये - sms.brvp.org/hindi/showissue.php)

2. कैसे विकल्प पार्टी राईट टू रिकॉल-मुख्यमंत्री आदि प्रस्तावित भारतीय राजपत्र सूचना को लागू करवाएगी और आप (आम-नागरिक) क्या कर सकते हैं जब तक वो लागू नहीं हो जाता ?

जब तक पार्टी द्वारा प्रस्तावित राईट टू रिकॉल-मुख्यमंत्री आदि कानून भारतीय राजपत्र में छाप कर लागू नहीं हो जाते, इस वेबसाईट पर पब्लिक एस.एम.एस गिनती सर्वर का रिकॉल सिस्टम लागू किया गया है जिसमें आम-नागरिकों को 5 साल अपने जनसेवक को बदलने के लिए इन्तेजार नहीं करना होगा |

नागरिक एफिडेविट (स्टैम्प-पेपर) पर ड्राफ्ट के रूप में अपने सुझाव, राय और प्रमाण, अपने वोटर नंबर और संपर्क के साथ दर्शा सकते हैं | इसके लिए, नागरिकों को सबसे पहले हमारी साईट पर अपने वोटर नंबर / मोबाइल के साथ रजिस्टर होने के लिए आवेदन देना होगा | और दूसरे नागरिक उस दर्ज मुद्दे पर समर्थन या विरोध कर सकते हैं और नागरिक बहुमत समर्थन संख्या के इन्टरनेट पर प्रमाण द्वारा जनसेवक को बदलने के लिए दबाव डाल सकते हैं |

कोई भी मतदाता इस वेबसाईट पर रजिस्टर होकर, इस पेज पर बताए गए प्रक्रिया अनुसार, एफिडेविट पर अपनी शिकायत / सुझाव को वेबसाईट पर दर्ज करवा सकता है | यदि 5000 पंजीकृत मतदाता हमारी वेबसाईट पर किसी मुद्दे के लिए समर्थन करेंगे तो विकल्प पार्टी उस मुद्दे को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री आदि जनसेवक के साथ उठाएगी | यदि कोई जनसेवक इसको लागू करने के लिए कार्य नहीं करना चाहता, तो उसे ऐसा करने के लिए कारण बताना होगा |

हस्ताक्षर द्वारा समर्थन की तुलना में, वोटर आई.डी. नंबर इन्टरनेट समर्थन प्रामाणिक है | क्योंकि नागरिक हस्ताक्षर को स्वयं जांच नहीं सकते और न ही हस्ताक्षर देने वाले को संपर्क करके और जानकारी ले सकते हैं जबकि वोटर आई.डी. नंबर से पता निकालकर नागरिक स्वयं संपर्क करके जांच सकता है |

ये सारा डाटा एक्सेल फोर्मैट में वेबसाईट पर आता है और कोई भी डाउनलोड कर सकता है | इसीलिए यदि किसी कारण हमारी साईट बंद हो जाये, तो भी उसके आगे लोग वोटर नंबर समर्थन इकठ्ठा कर सकते हैं | हम सभी को बोलते हैं कि अपने प्रिय मुद्दे पर, अपने क्षेत्र के वोटर नंबर समर्थन को इकठ्ठा करके एक्सेल शीट पर डालें और सोशियल मीडिया पर सभी के साथ शेयर करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए कहें | और किसी मुद्दे के लिए, सभी वोटर नंबर समर्थन वाली एक्सेल शीट के डाटा के डुप्लिकेट हटा कर डाटा को इकठ्ठा किया जा सकता है |

यदि किसी क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में लोगों ने इन प्रस्तावित प्रक्रियाओं का वोटर आई.डी. नंबर प्रमाण के साथ इन्टरनेट पर सार्वजानिक समर्थन दिखाया और अपने जनसेवक से मांग किया तो उस क्षेत्र में ये प्रक्रियाएँ आ जाएँगी और उस क्षेत्र में भ्रष्टाचार, अपराध कम हो जायेगा |

उदाहरण - सूचना आधिकार अधिनियम सबसे पहले राजस्थान में आया था जब हजारों ने मांग की थी और फिर पूरे देश में माँगा गया और पूरे देश में लागू हो गया |

3. आजकल नागरिकों के द्वारा अपने प्रतिनिधियों के साथ संवाद करने के लिए जो तरीके आमतौर इस्तेमाल किये जाते हैं वो नागरिक-प्रमाणिक (नागरिक द्वारा जांचे जा सकने वाले) नही होते हैं और इसलिए परिणाम परिणाम नहीं दे पाते

इसलिए, यदि आप सांसद, विधायक, पार्षद या अपने क्षेत्र के चुने हुए प्रतिनिधि हैं, तो आपको और अन्य सभी नागरिकों को कैसे पता चलेगा कि क्षेत्र के नागरिक क्या चाहते हैं कि आप क्‍या करें? आपको और अन्य नागरिकों को कैसे पता चलेगा कि नागरिक कौन से कानून और व्यवस्थाएं चाहते हैं? आखिरकार, आपका समय सीमित है.

आइए हम आज कुछ तरीके देखते हैं जो कि आजकल नागरिकों और उनके प्रतिनिधियों के बीच संपर्क के लिए इस्‍तेमाल किये जा रहे हैं.

कई पार्टियां और उम्मीदवार दावा करते हैं कि जीतने के बाद, वे समाज की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के लिए कार्य करेंगे. और वे एक शिकायत ईमेल आईडी, शिकायत फोन, एसएमएस नंबर या पता भी देते हैं.

लेकिन सच्चाई यह है कि `आपका सांसद आपकी बात को सुन नहीं सकता है, आपका सांसद केवल आपकी गिनती कर सकता है.`

हां, आप इसे सही पढ़ते हैं - `आपका सांसद आपकी बात को सुन नहीं सकता है, आपका सांसद केवल आपकी गिनती कर सकता है`. यहां सांसद का मतलब है आपके सांसद, विधायक, पार्षद सरकारी कर्मचारी आदि. आइए देखें कि यह कथन कितना सच है.

मान लीजिये कि हर एक मतदाता चाहता है सांसद उसे 5 मिनट के लिए सुने, अब सांसद के पास 17 लाख मतदाता है और अगर 25% भी 5 मिनट के लिए बोलेंगे तो ये 17लाख*25/100*5 मिनट्स = लगभग 21 लाख मिनट्स होते हैं और अगर सांसद दिन के 10 घंटे भी सुनना शुरू करता है तो उसे 8 से 9 साल लग जायेंगे !!! दूसरे शब्दों में, एक सांसद के लिए हर एक को सुनना या हर एक पत्र पढ़ना या एस.एम.एस. पढ़ना भौतिक रूप से असंभव है और ये प्रधानमंत्री के लिए भी असंभव है ! एक कॉर्पोरटर (पार्षद) जिसके पास एक लाख मतदाता है वो भी सभी मतदाताओं जो उसके अंतर्गत आते है, को नहीं सुन सकता.

उच्च वर्ग के लोग अपने संपर्क द्वारा अपनी कोई बात जनता के सामने रखना चाहे तो वे ऐसा मिडिया के माध्यम से आसानी से कर सकते हैं, किन्तु यदि जनता अपनी कोई मांग या सुझाव शासन के सम्मुख रखना चाहे तो उन्हें अनशन, धरने, विरोध प्रदर्शन, हस्ताक्षर अभियान, ज्ञापन, रास्ता जाम, नारेबाजी आदि असंगठित तरीकों को अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. किन्तु इन सब तरीकों से कोई 'नागरिक प्रमाणिक' प्रमाण पैदा नहीं होता, मतलब कोई भी नागरिक स्वयं जांच सके, ऐसा प्रमाण नहीं मिल पाता कि कितने नागरिक अमुक विषय के समर्थन या विरोध में हैं. नागरिक-प्रामाणिक नहीं होने से इन प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता नहीं होती और नागरिक या अफसर कोई स्पष्ट निष्कर्ष पर नहीं आ पाते. इस प्रकार, ईमानदार अफसर नागरिक-मतदाताओं के अनुसार अपना कार्य नहीं कर पाते और बे-ईमान अफसर आसानी से ये कहकर फिसल जाते हैं कि `समर्थन हस्ताक्षर आदि प्रामाणिक नहीं हैं` या `हम इस मुद्दे को देखेंगे. अभी हम और बहुत जरुरी काम कर रहे हैं.`

pgportal.gov.in जैसी सरकारी साईट में नागरिक के वोटर आई.डी. नंबर के साथ शिकायत दर्शाने का विकल्प भी नहीं है, जिससे दूसरे नागरिक ये पता नहीं लगा सकते कि शिकायत दर्ज करने वाला व्यक्ति असली हैं कि नकली. लेकिन टी.सी.पी. में नागरिक की राय पहचान पत्र संख्या के साथ प्रधानमंत्री वेबसाईट पर आएगी ; कोई भी नागरिक वोटर आई.डी. राय वाले डाटा का सैम्पल लेकर, राय देने वाले व्यक्तियों का पता निकालकर उनसे संपर्क करके स्वयं पता लगा सकता हैं कि डाटा सही है कि नहीं.

सरकारों द्वारा प्रदान की गयी कुछ अन्य शिकायत प्रणालियों में, आप बिना लॉग इन किए अपनी खुद की शिकायत को भी नहीं देख सकते हैं. इस प्रकार, यदि सरकारी अधिकारी कोई उचित कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आप अन्य नागरिकों को एक प्रमाणित तरीके से शिकायत और तथ्‍यों को दिखा भी नहीं सकते हैं जो कि आपने दर्ज की हैं.

ईमेल, हस्ताक्षर अभियान, ऑनलाइन याचिका आदि जैसे तरीके, नागरिक-प्रामाणिक नहीं हैं और उनका इस्‍तेमाल करके, नागरिक अपनी आवाज को प्रतिनिधियों तक ठीक से पहुंचा नहीं पाते.

यदि ईमेल पहुँचता नहीं है, तो हम उसका कारण नहीं जान सकते हैं और हम यह भी नहीं जान सकते हैं कि जिस व्यक्ति को हमने ईमेल भेजा है उसने ईमेल पढ़ लिया है या नहीं.

कृपया ध्यान दें कि सांसद को ईमेल द्वारा भेजे गए निर्देश बेकार होते हैं क्योंकि ईमेल आई.डी को मतदाता संख्या से जोड़ा नहीं जा सकता, फर्जी ईमेल आई.डी बनायी जा सकती है, नकली ईमेल को असली जैसे दिखने वाली ईमेल बनाई जा सकती है आदि.

4. प्रस्तावित `नागरिकों का जांचा जा सकने वाला मीडिया` (CVM)

इस वेबसाईट का ये भी उदेश्य है कि एक सरकारी सिस्टम को दिखाना और मांग करना, जिसमें नागरिक अपना वोटर आई.डी. और मोबाइल नंबर से पंजीकृत (रजिस्टर) हो कर अपनी राय एस.एम.एस-संक्षिप्त कोड द्वारा कर सकते हैं | और नागरिकों की ये राय उनके वोटर आई.डी. के साथ सरकारी वेबसाइट पर बिना लॉग-इन के, सभी को दिखेगी और ये राय किसी भी अन्य नागरिक द्वारा जाँची जा सकती है वोटर आई.डी. द्वारा |

इस सिस्टम की एक बड़ी बात है नागरिकों के लिए सुरक्षा-धारा कि उनके पास अधिकार है कि वे किसी भी दिन अपनी राय बदल सकते हैं, जिससे ये सिस्टम पैसों से खरीदा नहीं जा सकता, गुंडों और मीडिया द्वारा प्रभावित नहीं किया जा सकता | इस सिस्टम को `नागरिकों का जांचा जा सकने वाला मीडिया` या पारदर्शी शिकायत-प्रस्ताव प्रणाली या टी.सी.पी. (ट्रांसपेरेंट कंप्लेंट प्रोसीजर) भी बोला जाता है |

5. सभी नागरिकों को अपने प्रिय नेता या जनसेवक से पब्लिक एस.एम.एस गिनती सर्वर की मांग करनी चाहिए क्योंकि ये सभी मुद्दों का बढ़ावा करता है

अपनी माँगों के लिए एस.एम.एस.-निर्देश भेजने के अलावा अपने सांसद या जनसेवक या आपके क्षेत्र के उम्मीदवार को यह एस.एम.एस.-निर्देश भी भेजें कि अपने पब्लिक मोबाइल नंबर को प्रोग्राम द्वारा अपनी वेबसाईट से लिंक करके एक जनता की राय के लिए एस.एम.एस. सर्वर बनाएँ | ताकि एस.एम.एस. के द्वारा सांसद को भेजी गई नागरिकों की राय, जनसेवक की वेबसाइट पर वोटर आई.डी. के साथ आये और सभी जनता की राय को देख सकें और उसे स्वयं जांच सकें |

एस.एम.एस.-निर्देश में ये भी बोलें कि ऐसे सर्वर को बनाने के लिए केवल कुछ ही दिन लगेंगे और यदि जनसेवक ने जनता के लिए ऐसा SMS-सर्वर नहीं बनाया, तो फिर आप उनके लिए या उनके पार्टी के लिए वोट नहीं करेंगे |

यह सार्वजनिक माँग करके हम सभी नागरिक एक साझा मंच पर आ सकते हैं तथा एक जुट हो सकते हैं | इसके लिए, नागरिकों को केवल दो एस.एम.एस. भेजने हैं | कृपया आगे पढ़िए ये जानने के लिए कि कैसे एस.एम.एस. भेजना है और कहाँ एस.एम्.एस. भेजना है | ये जानने के लिए कि एस.एम.एस कैसे भेजे जा सकते हैं और कहाँ एस.एम.एस भेजने हैं, कृपया पढ़ें यहाँ.



अस्वीकरण (नोट) – ये साईट केवल प्रस्तावित एस.एम.एस. सहित पारदर्शी शिकायत-प्रस्ताव प्रणाली (=टी.सी.पी.=ट्रांसपेरंट कम्प्लेंट प्रोसीजर) की मांग को बढ़ावा करने के लिए है ; लिंक - चैप्टर 1, prajaadhinbharat.wordpress.com) | एस.एम.एस.-अभियान तरीके द्वारा परिणाम मिलेंगे या नहीं, ये कई तत्वों पर निर्भर करेगा | जो व्यक्ति सांसद आदि जनसेवक के हेतु कोड-एस.एम.एस. साईट के पब्लिक नंबर को भेज रहे हैं, उनको अच्छी तरह पता है कि उनके नाम, वोटर आई.डी. नंबर, उनके राज्य, जिले और विधानसभा क्षेत्र के साथ, उनका एस.एम.एस. इस साईट पर दिखाया जायेगा | साईट को किसी भी प्रकार का प्रयोग करने से पहले कृपया शर्तें और गोपनीयता नीति पढ़ें |

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